Lockdown Main Mili Khushion Ki Sogat by Rashmi

Lockdown Main Mili Khushion Ki Sogat

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  • Genre Classics
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Description

"स्नेहा मन-ही-मन सोचने लगी—‘जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से मयंक कुछ ज्यादा ही रोमांटिक हो गया है। सुबह-शाम, दिन-रात बस एक ही रट... ऐसे अच्छा लगता है क्या! घरवाले क्या सोचते होंगे?’ स्नेहा सोच ही रही थी कि पीछे से मयंक ने उसे बाँहों में भर लिया। वह चौंक उठी!

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