सहनशीलता,कोमलताऔरसौम्यताकीमिसालकेसाथ-साथगुरुतेगबहादुरजीनेहमेशायहीसंदेशदियाकिकिसीभीइंसानकोनतोडरानाचाहिएऔरनहीडरनाचाहिए।इसीकीमिसालदीगुरुतेगबहादुरजीनेबलिदानदेकर।जिसकेकारणउन्हें
हिन्दकीचादरयाभारतकीढालभीकहाजाताहै।उन्होंनेदूसरोंकोबचानेकेलिएअपनीकुर्बानीदी।गुरुतेगबहादुरजीकोअगरअपनीमहानशहादतदेनेवालेएकक्रांतिकारीयुगपुरुषकहलियाजाएतोकहनाजराभीगलतनहोगा।गुरुतेगबहादुरजी
नेधर्मकीखातिरअपनासबकुछकुर्बानकरदिया।संसारकोऐसेबलिदानियोंसेप्रेरणामिलतीहै,जिन्होंनेजानतोदेदी,परंतुसत्यकात्यागनहींकिया।गुरुतेगबहादुरजीभीऐसेहीबलिदानीथे।गुरुजीनेस्वयंकेलिएनहीं,बल्किदूसरोंकेअधिकारों
एवंविश्वासोंकीरक्षाकेलिएअपनेप्राणोंकाउत्सर्गकरदिया।