गुरुहरगोविंदसाहिबनेशांतिऔरध्यानमेंलीनरहनेवालीइसकौमकोराजनीतिकऔरआध्यात्मिकदोनोंतरीकोंसेचलानेकाफैसलाकिया।गुरुहरगोविंदसिंहनेदोतलवारेंपहननीशुरूकी,एकआध्यात्मिकशत्तिफ़केलिए(पिरी)औरएकसैन्यशत्तिफ़केलिए(मिरी)।अबसिक्खोंकीभूमिकाबढ़करसंतसैनिकोंकीबनचुकीथी।गुरुहरगोविंदजीस्वयंएकशत्तिफ़शालीयोद्धाथेऔरउन्होंनेदूसरेसिक्खोंकोभीलड़नेकाप्रशिक्षणदिया।इसबातकोअपनामूलसिद्धान्तबनायाकिएकसिखयोद्धाकेवलबचावकेलिएतलवारउठाएगानाकिहमलेकेलिए।गुरुहरगोविंदजीनेहीअकालतख्तकानिर्माणभीकरवाया।गुरुहरगोविंदजीनेअपनेजीवनकालमेंबुनियादीमानवअधिकारोंकेलिएकईलड़ाइयांलड़ीं।