गुरुहरकिशनजीकेबारेमेंएककहावतबड़ीरोचकहैकिगुरुगद्दीपरबैठेगुरुजीकाचेहरासूरजकीतरहलगताथा,जोअपनेचेहरेकेतेज़सेउत्पन्नहोनेवालीकिरणोंसेसारेजगकोरोशनकरदे।ऐसामानाजाताहैकिवेस्वयंसिखसंगतकेपासबैठतेऔरउनकीबातेंसुनते।
जैसे-जैसेसंगतोंकोयहपताचलतागयाकिनएगुरुनेगद्दीसंभाललीहै,वैसे-वैसेवहउनकीएकझलकपानेकेलिएदौड़ेचलेआते।दूसरीओरगुरुजीभीउन्हेंइंतजारकरवानापसंदनहींकरतेथे।भलेहीवहछोटीसीउम्रकेथे,लेकिनवेसिखसंगतसेमिलते,उनकेपासबैठतेऔरउन्हें‘ग्रंथसाहिब’केविभिन्नश्लोकोंकापाठपढ़ाते।उन्हींउपदेशोंकेजरियेवेसंगतकीतमामतकलीफोंकाहलभीनिकालते।वेगुरुनानकदेवजीके‘एकेश्वरवाद’सिद्धांतकोसमझातेऔरसभीकोगुरुकेमार्गपरचलनेकीसीखप्रदानकरते।यहपुस्तकउनकेजीवनदर्शनकोरोचकतरीकेसेप्रस्तुतकरतीहै।