भारतवर्षमेंगुरुऔरशिष्यकीपरंपराबहुतप्राचीनहै।गुरुकास्थानपरमेस्वरसेभीऊँचामनगयाहै।गुरुकेद्वाराहीव्यक्तिकोसांसारिकज्ञानप्राप्तहोताहैऔरगुरुकेद्वाराहीउसेइसज्ञानकाबोधहोताहैकिकिसप्रकारपरमेस्वरकोप्राप्तकियाजासके।सिक्खोकेप्रथमगुरुनानकदेवसेलेकरदसवेंगुरुगोविन्दसिंहजीतककाकालहिन्दू-सभ्यताकाउत्पीड़नकालथा।एकऔरमुस्लिमआक्रांताहमारीप्राचीनसभ्यताकोनस्टकरनेमेंलगेहुएथेतोदुस्तरीऔरहिन्दू-समाजअवतारवाददेवपूजामूर्तिपूजाकर्मकांडजाती-पतिएंवछुवाछूतजैसीबुरायिओंमेंलिप्तहोरहाथा।ऐसेमेंसिक्खगुरुओंकेप्रकटनसेसमाजमेंभयऔरनिराशाकावातावरणसमाप्तहुआगुरुओंकेउपदेशोंनेअर्धमृतहिन्दूजातीमेंनयेप्राणफूंकदिये।