Sunderkand by Goswami Tulsidas

Sunderkand

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Description

"संवत् 1631 में तुलसीदासजी ने श्रीरामचरितमानस की रचना प्रारंभ की। दो वर्ष, सात महीने और छब्बीस दिन में यहअद्भुत ग्रंथ संपन्न हुआ। सुंदरकांड मूलतः गोस्वामी तुलसीदास कृत इसी श्रीरामचरित मानस का एक भाग है। सुंदरकांड में हनुमानजी द्वारा किए गए महान् कार्यों का वर्णन है। मानस पाठ में सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्त्व माना जाता है। सुंदरकांड में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन कर लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। साथ ही उनकी असीम शक्ति, बुद्धि-कौशल और अनन्य भक्ति का पता चलता है। सुंदरकांड का पारायण वाले साधक को असीम ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त होती है ।"

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