Bhawnao ka Backpack (भावनाओ का बैकपैक) by Garima Srivastava

Bhawnao ka Backpack (भावनाओ का बैकपैक)

By

  • Genre Poetry
  • Released

Description

गरिमा श्रीवास्तव यक़ीनन कविकुल की गरिमा हैं। वे एक कविकुल में जन्मी हैं। हिन्दी के प्रख्यात कवि बालस्वरूप राही और सुपरिचित कवयित्री डॉ. पुष्पा राही की सुपुत्री हैं गरिमा। कविता उनके संस्कार में है। अपने प्रयासों और अध्ययन-मनन से उन्होंने अपनी कविता को और भी निखारा-संवारा है। मेरा एक दोहा है-
संगत के अनुसार ही, भाव बदलते नाम। ज्यों-ज्यों कोयल कूकती, मीठे होते आम।।
दरअसल, ये नये समय की कविताएं हैं। नये मुहावरे, नयी भाषा और नये मिज़ाज की कविताएं हैं। हमें गरिमा की इन कविताओं का खुले मन से स्वागत करना चाहिए।
नरेश शांडिल्य

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