Godan Kavya Roopantaran by Rakesh Kumar

Godan Kavya Roopantaran

By

  • Genre Poetry
  • Publisher Prabhat Prakashan
  • Released
  • Length 211 Pages

Description

"उपन्यास सम्राट् मुंशी प्रेमचंद की विश्व-विश्रुत रचना 'गोदान' ग्रामांचल के नैसर्गिक किसान जीवन की पृष्ठभूमि में गद्य में होने के बावजूद कम काव्यमय नहीं है। इसीलिए इसे 'ग्रामीण जीवन का महाकाव्य' कहा जाता है। रचनाकार ने इसकी मूल आत्मा से बिना छेड़छाड़ किए इसे काव्य-कलेवर का एक नव्य रूप प्रदान किया है। छंदबद्ध कविता लयात्मकता और तुकांतता के कारण सरलता से कंठस्थ और हृदयस्थ हो जाती है। संभवतः इसलिए वेद, उपनिषद्, पुराण, आयुर्वेद, अध्यात्म, दर्शन आदि को मुख्यतः छंदबद्ध कविता में निबद्ध किया गया है। गोदान (काव्य-रूपांतरण) हिंदी साहित्य के इतिहास में किसी संपूर्ण औपन्यासिक कृति का प्रथम छंदबद्ध काव्य-रूपांतरण है। कथा के सभी 36 दृश्यखंडों को उसके मूल स्वरूप में ही अपनाया गया है। संपूर्ण उपन्यास में मुख्य व गौण पात्रों की संख्या 65 है, पाठकगण काव्य-रूपांतरण में अधिकांश पात्रों से परिचित हो पाएँगे। रूपांतरण में पात्र-परिचय, पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ, घटनाओं की तारतम्यता और संवाद की शैली को यथासंभव अक्षुण्ण रखने का प्रयास किया गया है।"

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