किसी भी शेयर के भाव में बाजार में उपलब्ध समस्त जानकारी का दृष्टिकोण परिलक्षित होता है। फलस्वरूप कोई भी व्यक्तिगत निवेशक इससे अधिक जानकारी रखने का दावा नहीं कर सकता। वह संपूर्ण बाजार की तुलना में बेहतर लाभ नहीं कमा सकता।