"मुकेश धीरूभाई अंबानी का जन्म 19 अप्रैल, 1957 में ब्रिटिश उपनिवेश अदन में हुआ था। उनके पिता धीरूभाई अंबानी थे और माँ कोकिला बेन अंबानी। अपने भाई-बहनों के साथ कुछ समय तक वह यमन में रहे। श्री अंबानी के तीन भाई-बहन हैं। छोटे भाई अनिल धीरूभाई अंबानी और दो बहनें—नीना भद्रश्याम कोठारी और दीप्ति दत्ताराज सलगावकर। वर्ष 1958 में अंबानी के पिता ने भारत लौटने और वस्तुओं का कारोबार शुरू करने का फैसला किया। आगे चलकर, उन्होंने मसालों और कपड़ों का व्यापार शुरू किया। उन्होंने अपनी कंपनी को ‘विमल’ नाम दिया। श्री अंबानी काफी दयालु व्यक्ति हैं। वर्ष 2012 में, उन्होंने 240 मिलियन डॉलर के अपने सालाना वेतन को अपने कर्मचारियों को देने का फैसला किया। इस वर्ष आई महामारी (कोविड 19) के दौरान, श्री अंबानी ने देश का पहला कोविड 19 अस्पताल बनाया और मरीजो को ले जानेवाले इमरजेंसी वाहनों को मुफ्त में तेल देने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही, उन्होंने कोविड 19 के लिए पी.एम. के इमरजेंसी फंड में 500 करोड़ रुपए भी दिए। इसमें कोई शक नहीं कि श्री मुकेश अंबानी इस युग के सबसे सफल व्यक्ति हैं। कॉरपोरेट जगत् में उन्होंने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है और भारत को गर्व का एहसास कराया है। उनकी सफलता यह सिद्ध करती है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं यदि आपके पास उसके लिए सही सोच हो। हम पाठकों के लिए उनके सफलता के मंत्र को जानना और उन्हें अपने जीवन में अपनाना आवश्यक है, ताकि हम भी उसी तरह अपने लक्ष्यों को पूरा करें जिस प्रकार श्री अंबानी ने किया है। जीवन में श्री अंबानी के मंत्रों की चर्चा नीचे की गई है। "