Hope Against Hope (होप अगेंस्ट होप) by Vikas Sharma

Hope Against Hope (होप अगेंस्ट होप)

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Description

कोरोना और उसके विविध रूपों के कारण व्यापक रूप से फैले अवसादों के परिणामस्वरूप, 'होप अगेंस्ट होप' एक प्रेरक उपन्यास है। उपन्यासकार यहाँ पाठकों को यह बताने का प्रयास करता है कि आशारूपी पक्षी का संगीत कभी नहीं रुकता है। जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण जग मोहन, पम्मी, नैनी, डॉ. अवस्थी और गुप्ता परिवार के लोग, समस्त विषम परिस्थितियों से संघर्ष करते हैं और उद्विग्न स्थितियों में कभी रोते नहीं हैं। पम्मी एक व्यावहारिक महिला बनी रहती है और जग मोहन के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ लेती है। गुप्ता जी बेरोजगार जग मोहन के साथ नैनी का घर बसाने के लिए काफी समझदार दिखते हैं। हालांकि, मिंटी अपने मिशन में थोड़ी देर से सफल होती है। उपन्यासकार अपने पाठकों को यह बखूबी समझा देता है कि आशा नामक चिड़िया विवेक और ज्ञान के साथ खड़ी रहती है।

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