नवोदय के हाइकु का यह तीसरा भाग पहले दोनो भागों से विस्तृत भी है और इसका स्तर भी पहले दोनों भागों से ऊँचा है। नवोदय के हाइकु के इस भाग की एक विशेषता यह भी है कि इस में लिखने वाले सभी बच्चे नवोदय की प्रवास योजना के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय पंचमहल, गुजरात से आए हुए वे बच्चे हैं जिन्हों ने पिछला एक साल जवाहर नवोदय विद्यालय अंबाला में बिताया है। इस एक वर्ष के दौरान जहां उन्होंने यह विधा सीखी है वहीं बेहतरीन हाइकु भी लिखे हैं। मूलतः अहिंदी भाषी बच्चों के द्वारा हाइकु जैसी मुश्किल विधा में लिखना भाषा पर उनकी पकड़ और भाषा में उनकी रुचि को दिखाता है।