पाकिस्तान बनने के केवल 5 साल बाद जन्में इमरान खां ने अपने देश के इतिहास को बनते और बिगड़ते देखा है; इसी इतिहास में बुना है उनका अपना जीवन—लाहौर में खुशियों भरा बचपन, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा, एक बेमिसाल क्रिकेट कॅरियर, जेमिमा के साथ विवाह और तलाक, अपने धर्म और देश की खोज, राजनैतिक जीवन का आरम्भ और उनके आदर्श एवं सपने।
यादों के आइने से इमरान अपने देश के संक्षिप्त इतिहास को बताते हुए उन घटनाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हैं जिन्होंने आज के पाकिस्तान और इस्लामिक संसार को आकार दिया है — 1965 और 1971 में भारत के साथ युद्ध,1979 की ईरान-क्रान्ति, सोवियत संघ का अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण, 9/11 का आतंकी हमला और अमरीका का बदला, ओसामा बिन लादेन का पाकिस्तान में पाया जाना और उसकी हत्या एवं अफ़ग़ानिस्तान में एक ख़त्म होने वाली विवादस्पद लड़ाई।
सारी इस्लामिक दुनिया में पाकिस्तान परमाणु बम वाला एक मात्र देश है पर फिर भी नियमित आतंकी बमबारी और अमेरिका के ड्रोन हमलों से अपने लोगों को बचाने में असमर्थ है।
इस अस्थिरता और अन्याय के चरम बिन्दु पर पाकिस्तान कैसे पहुंचा और उसके साधारण नागरिक अपने और देश के बारे में क्या सोचते हैं...
'एक मुखर और दिलचस्प आत्मकथा जिसे आप उठाकर छोड़ न सकेंगे।पाकिस्तानी जीवन और राजनीति की खरी और अनकही सच्ची कहानी...' — स्पेक्टेटर, इंग्लैण्ड
'एक अत्यन्त महत्वपूर्ण पुस्तक... लालची और 'डॉलरों का आदी' राजनैतिक वर्ग, आज्ञाकारी न्यायपालिका, भ्रष्ट्राचार से संतृप्त पुलिस और राजनैतिक प्रणाली — जिससे पाकिस्तान के पर्यवेक्षक अपरिचित नहीं है —का एक स्वाभिमानी पश्तून और देश-प्रेमी पाकिस्तानी द्वारा ख़ुलासा। लेखक के शब्दों में तत्कालिता का सन्देश है... पाकिस्तान तेज़ी से असफल हो रहा राज्य है जो किसी भी वक़्त विफल हो सकता है।' — दिइंडिपेनडेन्ट, इंग्लैंड