आजकल के लोग उन औषधियों, जड़ी-बूटियों को भूलते जा रहे हैं जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी नानी या दादी मां के खजाने के रूप में घर-घर में रहा करती थी । आज चारों तरफ एलोपैथी का बोल-बाला है, लोग तुरंत लाभ के लिए डॉक्टरों के पास दौड़ते हैं । लेकिन आधुनिक दवाओं के दुष्परिणाम की ओर कोई ध्यान नहीं देता । ये दवाएं वर्तमान रोग को तो ठीक कर देती है परंतु साथ ही नए रोगों को भी उत्पन्न करती हैं ।
ऐसी स्थिति में जड़ी-बूटी चिकित्सा, आयुर्वेदिक और घरेलू चिकित्सा जैसे शहद, दूध-दही, पानी द्वारा इलाज काफी कामयाब हो सकता है । इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ‘जड़ी-बूटियों से इलाज’ नामक यह पुस्तक जिज्ञासु पाठको के लिए ज्ञान का अनमोल खजाना साबित होगी ।