काल-चिन्तन : अंतर्मन : Kaal Chintan : Antarman by Rajendra Awasthi

काल-चिन्तन : अंतर्मन : Kaal Chintan : Antarman

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राजेंद्र अवस्थी का सम्पूर्ण काल-चिंतन अपने समय समाज और उससे जुड़े अवबोध का जीवंत दस्तावेज है । उनके इस चिंतन का क्षेत्र बहुआयमी है । जीवन और जगत की विभिन्न समस्याओं पर प्रस्तुत विलक्षण विवेचन और आकर्षक निष्कर्ष सुधी पाठकों को आनंद तो प्रदान करते ही हैं. उन्हें सूक्ष्म आत्मनिरीक्षण, आत्मोत्थान और सामाजिक अभ्युदय के लिए प्रेरित भी करते है । सच तो यह है कि आज हम मूल्यहीनता की स्थिति में जी रहे हैं । इस संदर्भ में सोचें तो काल-चिंतन कीं समीचीनता स्वतः स्पष्ट हो जाती है ।

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